Israel और Iran के बीच युद्ध: यह संघर्ष क्यों हो रहा है और इसके क्या परिणाम हो सकते हैं?
1 अक्टूबर 2023 की रात, Israel के आसमान में जो रोशनी देखी गई, वह आतिशबाजी नहीं थी, बल्कि Iran द्वारा दागी गई मिसाइलें थीं। इस हमले ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा, और यह साफ हो गया कि Middle East में तनाव खतरनाक स्तर पर पहुँच चुका है। Iran के Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei के आदेश पर Islamic Revolutionary Guard Corps (IRGC) ने 180 से अधिक मिसाइलें Israel पर छोड़ीं। Iran का दावा था कि इनमें से 90% मिसाइलें सही निशाने पर लगीं, जबकि Israel की वायु रक्षा प्रणाली ने उनमें से ज्यादातर को नष्ट कर दिया।
क्यों Iran ने Israel पर हमला किया?
Iran का Israel पर हमला अचानक नहीं हुआ। पिछले कुछ सालों से Middle East में तनाव बढ़ता जा रहा था। Iran ने यह हमला उस समय किया जब Israel ने सीरिया की राजधानी Damascus पर हमला कर Iran के सात अधिकारियों को मार गिराया था। इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के बीच की दुश्मनी गहरी हो गई थी।
इसके अलावा, Iran का Israel के खिलाफ लड़ाई में भाग लेने का एक और कारण है—उसके सहयोगी। Hamas, Hezbollah, और Houthi जैसे आतंकवादी संगठन पहले से ही Israel के खिलाफ लड़ाई में शामिल थे, और अब Iran ने खुलकर उनके साथ हाथ मिलाया है। यह लड़ाई अब सिर्फ Israel और Palestine तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसका असर Lebanon और कई अन्य देशों पर भी पड़ रहा है।
प्रमुख देशों की भागीदारी और उनके हित
यह लड़ाई सिर्फ दो देशों के बीच नहीं है, बल्कि इसमें कई देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो चुके हैं। April 2023 में Israel द्वारा Syria पर किए गए हमले के बाद, Iran ने बदले की कार्यवाही शुरू की।
Iran के पास अब कई तरह की आधुनिक मिसाइलें हैं, जैसे Fateh-110, जो आवाज़ की गति से 15 गुना तेज़ चलती है। इस मिसाइल का उपयोग Iran ने Israel के खिलाफ किया। यह युद्ध Iran के सैन्य बल का एक बड़ा प्रदर्शन था, जिससे यह साफ हो गया कि उसकी सैन्य ताकत पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गई है।
भारत किसका साथ देगा?
भारत ने हमेशा से अपनी विदेश नीति में तटस्थता और संतुलन बनाए रखा है। जहां एक तरफ भारत के Israel के साथ मजबूत रक्षा और तकनीकी संबंध हैं, वहीं दूसरी ओर, Iran से उसके पुराने आर्थिक और ऊर्जा संबंध भी हैं। भारत दोनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते रखता है और अब तक किसी एक पक्ष को खुलकर समर्थन नहीं दिया है।
हाल ही में भारत सरकार की ओर से यह बयान आया था कि भारत शांति और कूटनीति का समर्थन करता है और चाहता है कि किसी भी प्रकार का संघर्ष बातचीत के माध्यम से हल हो। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “हम सभी पक्षों से संयम बरतने और शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।”
भारत की तटस्थता:
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Israel के साथ रिश्ते: भारत के Israel के साथ मजबूत रक्षा और सुरक्षा संबंध हैं। भारत Israel से अत्याधुनिक हथियार और टेक्नोलॉजी खरीदता है, जिससे दोनों देशों के संबंध और भी गहरे होते जा रहे हैं।
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Iran के साथ रिश्ते: दूसरी ओर, Iran भारत के लिए तेल का प्रमुख स्रोत रहा है, और Chabahar Port के जरिए दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी भी है, जिससे भारत को Central Asia तक पहुंच मिलती है।
✦यहां पर भारत का रुख पूरी तरह से साफ है कि वह किसी भी पक्ष का खुला समर्थन नहीं करेगा, लेकिन शांति की प्रक्रिया में योगदान जरूर देगा।
Israel की सुरक्षा प्रणाली कितनी मजबूत है?
Israel के पास दुनिया की सबसे उन्नत सुरक्षा प्रणालियों में से एक है। Iron Dome, David’s Sling, और Arrow System जैसी तकनीकें छोटी और बड़ी दूरी की मिसाइलों को रोकने में सक्षम हैं। लेकिन इन प्रणालियों की सबसे बड़ी समस्या उनकी लागत है।
Iron Dome की एक मिसाइल की कीमत लगभग $50,000 होती है, जबकि David’s Sling और Arrow System की मिसाइलों की लागत कई मिलियन डॉलर होती है। April 2023 के हमले में Israel को एक ही दिन में $200 मिलियन से अधिक का खर्च उठाना पड़ा था।
Iran का संदेश और आगे की संभावनाएं
इस हमले के बाद, Iran ने Israel को चेतावनी दी कि यह केवल “सीमित आत्मरक्षा” थी। Iran ने Israel को यह भी संकेत दिया कि उसे खुश होना चाहिए कि इससे भी बड़ा हमला नहीं हुआ।
आगे की स्थिति क्या होगी, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन Hezbollah, Houthi, और Hamas जैसे संगठनों ने Israel के खिलाफ खुलकर लड़ाई की घोषणा कर दी है। Hezbollah ने Lebanon से Israel पर रॉकेट हमले शुरू कर दिए हैं, जिससे हजारों लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं। Houthi ने Red Sea में व्यापारिक जहाजों पर हमले करके $1 ट्रिलियन से अधिक का नुकसान पहुंचाया है।
क्या यह तीसरा विश्व युद्ध की शुरुआत हो सकती है?
कई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया चैनलों ने इसे तीसरे विश्व युद्ध का आगाज़ बताया है, लेकिन यह दावा फिलहाल जल्दबाजी होगा। हालांकि, अगर यह युद्ध इसी तरह चलता रहा, तो यह निश्चित रूप से Middle East में एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है। कई देश पहले ही इसमें किसी न किसी रूप में शामिल हो चुके हैं, और अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो यह पूरे विश्व में अस्थिरता पैदा कर सकता है।
Israel और Iran के बीच का यह संघर्ष Middle East की स्थिति को बेहद नाजुक बना रहा है। अगर इस युद्ध का सही समाधान नहीं निकला, तो इसका असर न केवल इन दोनों देशों पर, बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया पर पड़ेगा।
यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में यह लड़ाई और भी गंभीर हो सकती है, और इसका समाधान निकालना जल्द से जल्द आवश्यक है ताकि और ज्यादा तबाही से बचा जा सके।
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